31.) दिल-ए-संसद में बहस जारी है,
किसे चुने हर विपक्षी एक दुसरे पे भारी है....!!
32.) उनकी सोंच मे शामिल था मैं,
सोच गर इजहार बनती तो और बात होती ।
33.) तू हर तरफ है... पर तू दूर है,
इसमे मेरा क्या कसूर है ।
34.) काश लम्बी कविताओं का दौर आए,
मैं तुझे लिखता रहूँ और जिंदगी बीत जाए !
35.) आँखों में ही नहीं तेरे दिल में भी जगह पाऊं,
मै कोई इश्तेहार नहीं जो फक्त पढ़ा जाऊं...!!